Laapataa Ladies Movie आमिर खान को काम नहीं मिला
एक ऐसी फिल्म के बारे में जब पता चले जिसको रिलीज होने से पहले ही ऑस्कर में भेजने की तैयारी है। वो फिल्म जिसमें खुद आमिर खान को काम नहीं मिला रिजेक्ट कर दिया उनको एक रोल के लिए। इतनी बड़ी-बड़ी बातें सुनने के बाद कैसे रोक सकता है कोई खुद को Laapataa Ladies फिल्म को देखने से।
लापता लेडीज इस फिल्म का ट्रेलर बहुत लोगों ने देखा होगा पिछले कई हफ्तों में इस इस फिल्म ट्रेलर काफी बार देखने को मिल रहा है। हर फिल्म से पहले थोड़ा हंसा के चला जाता है लेकिन यह फिल्म उसके ठीक उल्टा है ये हंसाती नहीं है हंसती है हम लोगों पे। ऐसी ऑडियंस जिसको पता ही नहीं है। सच्चा सिनेमा क्या होता है तो यार कहानी एक फेक ब्राइट गैंग के बारे में है माने डी से दुल्हन नहीं डी से डाकू लुटेरी जो आपके घर में बहू बन के आएगी और घर को खाली कर जाएगी। लेकिन दीपक कुमार के साथ कुछ महा अजीबोगरीब चीज हुई है। क्योंकि पैसे हैं,जेवर हैं, घर है, लेकिन चोरी क्या हुआ, उनकी बीवी वो भी ट्रेन से लेकिन दीपक भैया कच्चे खिलाड़ी नहीं है। क्योंकि उनके साथ दुल्हन तो है अपनी ना सही तो किसी और की मिल गई।
लेकिन लड़की थोड़ा चालू निकल गई नाम भी पुष्पा है और काम भी पुष्पा वाला पहली नजर घर की तिजोरी पे और दूसरी मोबाइल पे जो जिसके बारे में दुनिया का कोई इंसान नहीं जानता सीक्रेट क्या बोले दीपक भैया के साथ अन्याय हो गया लेने गए थे भाभी और मिल गई ये जिसको चाहिए हर ताले की चाबी। अब भगवान धरती पर बार-बार तो आएगा नहीं इसीलिए उसने पुलिस को है बनाया इंस्पेक्टर साहब को पूरा केस एक बार में समझ में है आया कानून के हाथ लंबे हैं हर झूठ पकड़ते हैं। इसलिए भाभी नंबर टू का ऐसा सच बाहर आता है। जिसके बाद पति-पत्नी और वो, का रिश्ता डेंजरस हो जाता है।
आप कुछ भी आगे पढ़ने से पहले मेरी एक बात मान लो फोन उठाओ यूपीआई निकालो और टिकट बुक करो अभी ऐसी फिल्म देखने के लिए आप कब से तड़प रहे हो सबसे बढ़िया चीज फैमिली सिनेमा है। पूरे परिवार के साथ एंजॉय कर सकते हो इजी टू अंडरस्टैंड और घर जाके भी जिस पर डिस्कशन हो ऐसा मैसेज है। अंदर कॉमेडी दमदार है सब्जेक्ट असरदार है और एक्टिंग वो तो महा जोरदार है। एक मिनट के लिए शायद आप भूल ही जाओगे फिल्म है या फिर असली दुनिया सोचो कितना दम होगा उस फिल्म की कहानी में जिसमें समोसे पर डाली जाने वाली हरी चटनी भी एक इंपॉर्टेंट कैरेक्टर बन जाती है। बेस्ट चीज यह है कि फिल्म का टॉपिक बड़ा यूनिक सा है। सर पे घूंघट घूंघट में दुल्हन बस अंदर का चेहरा ही तो बदल गया।
इसके आगे क्या-क्या हो सकता है आप 100 तरीके से कहानी को इमेजिन कर सकते हो अलग-अलग चीजें सोच सकते हो लेकिन एंडिंग तक नहीं पहुंच सकते यही तो चाहिए हमें बॉलीवुड से एक ऐसी फिल्म जो पूरे दो घंटे सीट पर बिठा के रखे लोगों को यह जानने के लिए कि कहानी खत्म कैसे होगी।
लापता लेडीज एक ऐसे टाइप की फिल्म है जिसको आप एग्जाम बना सकते हो सच्चा सिनेमा लवर ढूंढने के लिए जिसने ये फिल्म देखी वो है। असली जीनियस आप दो घंटे की फिल्म ना भी देखो सिर्फ दो मिनट का गाना सुन लोगे तो वो भी ऐसा लिखा गया है। कि सुनते ही फिल्म क्या है किस बारे में है समझ जाओगे रियल सिनेमा और भैया रवि किशन को इस फिल्म में जिसने एक्टिंग करते हुए देख लिया उसके बाद बड़े-बड़े सरनेम वाले सुपरस्टार एक्टर्स आपको चाय कम पानी जैसे लगेंगे। एक ही सीन के अंदर जब आप कंफ्यूज हो जाओ कि सामने वाले कैरेक्टर से नफरत करनी है या फिर इसके पैरों में गिर जाना है।
Laapataa Ladies Movie:परफॉर्मेंस और उतनी ही टॉप की गजब राइटिंग
इसको बोलते हैं जबरदस्त परफॉर्मेंस और उतनी ही टॉप की गजब राइटिंग जो पब्लिक के इमोशंस को बाहर लेके आएगी वो भी दोनों तरीके से रोते-रोते हंसना सीखो हंसते-हंसते रोना यह गाना एक लाइन का रिव्यू है। इस फिल्म के लिए जितना आंखों से देखोगे उससे ज्यादा फील करोगे 100% मस्ट वॉच मेरी तरफ से फिल्म को पांच में से पूरे पांच स्टार्स आप भी देखोगे तो एक गलती नहीं ढूंढ पाओगे लगी शर्त एक स्टार बिल्कुल रॉ रियल नेचुरल फिल्म गांव वाली थीम बिल्कुल परफेक्ट, दूसरा एक्टर्स नहीं है। इस फिल्म में बुक पढ़ते टाइम जैसे कोई दिमाग में आता है वैसे सच्चे कैरेक्टर्स हैं, कभी भूल नहीं पाओगे तीसरा बिना कुछ भी बढ़ा चढ़ा के सिर्फ मामूली बातों से एक बहुत बड़ा मैसेज देना। चौथा फिल्म की कहानी में कॉमेडी के साथ सस्पेंस भी बहुत तगड़ा है। दिमाग लगाना पड़ेगा और लास्ट किरण राव का डायरेक्शन फिल्म देखने के बाद आप को बहुत अच्छा लगेगा।