वीर गोगाजी चौहान का जीवन परिचय | goga ji biography in hindi

वीर गोगाजी चौहान राजस्थान के पंच पीर में से एक है। आप को इस लेख में गोगाजी का जीवन परिचय दिया है। इस लेख को पढ़ कर आप वीर गोगाजी के बारे में बहुत कुछ जान जाओगे। हम ने गोगाजी का संपूर्ण जीवन परिचय आप के साथ साझा किया है।

राजस्थान के पंच पीर – गोगाजी चौहान का जीवन परिचय Goga ji biography in hindi



  • राजस्थान के पंच पीर – गोगाजी
  • जन्म – ददरेवा, चुरू ( भाद्र कृष्ण नवमी)
  • पिता – जेवर सिंह
  • माता – बाछल
  • गोगा जी के उपनाम :~ गुग्गा , गुग्गा राणा , जाहर पीर , जिन्दा पीर, साफो के देवता
  • गुरु का नाम – गौरखनाथ
  • वाहन – नीली घोड़ी
  • ध्वजा – सफेद
  • वृक्ष – खेजड़ी
  • पत्नी – केलमदे ( कोलूमंड जोधपुर की राजकुमारी)
  • पुत्र – केसरिया कुंवर

➡️ गोगा जी के भाई अर्जन सर्जन थे।
➡️ गोगाजी के 47 पुत्र और 52 भतीजे थे।
➡️ गोगाजी की शीश मेडी – ददरेवा चुरु
➡️ गोगाजी की धड़मेडी – नोहर हनुमानगढ में है इसका निर्माण फिरोजशाह तुगलक ने करवाया था पुनर्निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने करवाया यह मकबरे जैसा है इसके ऊपर बिस्मिल्लाह लिखा हुआ है यहां गोगा जी का धड़ गिरा था इनके इस मंदिर को कपंध कहते है
➡️ गोगाजी का युद्ध महमूद गजनवी के साथ हुआ था।
➡️ गोगाजी का तीसरा मंदिर गोगाजी की ओल्डी सांचौर जालौर में है।
➡️ गोगाजी के हिंदू पुजारी को भोपा कहते हैं और मुस्लिम पुजारी को चाहिल या चायल कहते हैं जोकि कायमखानी जाति का मुस्लिम होता है
➡️ गोगा जी की फड़ का वाचन करते समय डेरू नामक वाद्य यंत्र बजाया जाता है
➡️ गोगामेड़ी हनुमानगढ़ में दो अन्य मंदिर भी है
👉1. नरसिंह पांड्या
👉2. भज्जू जी कोतवाल (यह हरिजन थे)
नरसिंह पांडेय वे भज्जू जी कोतवाल यह दोनों गोगाजी के सेनापति थे

FAQS:-

Q. गोगाजी के पुत्र का नाम क्या था?

Ans. गोगाजी के पुत्र का नाम केसरिया कुंवर था। गोगाजी के पुत्र केसरिया कुंवर जी भी एक लोकदेवत है। इस की पूजा भी राजस्थान के लोकदेवता में होती है।

Q. गोगाजी की मृत्यु कैसे हुई?

Ans. गोगाजी महमूद गजनवी से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। ऐसा माना जाता है की जब यह महमूद गजनवी से युद्ध कर रह थे तब इन का सिर धड़ से अलग हो गया तो और इन का सिर तो ददरेवा चूरू में गिर गया था लेकिन धड़ नोहर हनुमानगढ़ तक लड़ते हुए गया था।

Q. गोगाजी की पत्नी का क्या नाम था?

Ans. गोगाजी की पत्नी का नाम केलमदे था। जो की कोलुमंड जोधपुर की राजकुमारी थी। यह पाबूजी की भतीजी थी।

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