हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम भारत के भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया के बारे में हम आपको बताएंगे। देवेंद्र झाझरिया वह खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2016 में रियो में हुए पैरालंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इससे पहले 2004 में समर पैरालंपिक में भी देवेंद्र झाझरिया गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं। हम आपको बता दें कि पैरालंपिक में कई देशों के शारिरिक रूप अथवा मानसिक रूप से विकलांग खिलाड़ी भाग लेते हैं यानी इसे दिव्यांग लोगों का ओलंपिक भी कह सकते हैं। तो दोस्तों इस लेख में हम आपको बताएंगे कि देवेंद्र झाझरिया कौन है? देवेंद्र झाझरिया का कैरियर कैसा है? साथ ही हम यह बताएंगे कि देवेंद्र झाझरिया के परिवार और उनके अब तक के सफर के बारे में।
Devendra jhajharia biography in hindi (देवेंद्र झाझरिया का जीवन परिचय)
नाम (Name) | देवेन्द्र झाझड़िया |
जन्म की तारीख (Date Of Birth) | 10 जून, 1981 |
लम्बाई (Height) | 5.2 feet |
वजन (Weight) | 55kg |
पिता (Father Name) | राम सिंह झाझड़िया |
माता (Mother Name) | जीवनी देवी |
पत्नी (Wife) | मंजू |
बच्चे (Children’s) | बेटी – जिया , बेटा – काव्यान |
गुरु (Coach) | आर.डी.सिंह |
शिक्षा (Education) | स्नातक, अजमेर यूनिवर्सिटी, राजस्थान, भारत |
पेशा (Profession) | एथलीट (शूटिंग) |
करंट सिटी (Live City) | जयपुर, राजस्थान |
जन्म स्थान (Birth Place) | झाझड़िया की ढाणी, रतनपुरा, चुरू, राजस्थान |
कॉलेज (College) | अजमेर यूनिवर्सिटी, राजस्थान |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
Eye & Hair Colour | काला |
Devendra jhajharia jivan parichay:देवेंद्र झाझरिया का जन्म 10 जून 1981 को राजस्थान के चुरू जिले में हुआ था। देवेंद्र झाझरिया के पिता का नाम राम सिंह झाझरिया है देवेंद्र झाझरिया की माता का नाम जीवनी देवी है। देवेंद्र झाझरिया की पत्नी का नाम मंजू है। देवेंद्र झाझरिया का एक बेटा है जिसका नाम काव्यान और एक बेटी है जिनका जिया नाम है।
देवेंद्र झाझरिया के साथ बचपन में हुई दुखद घटना
देवेंद्र झाझरिया का जन्म एक सामान्य बच्चे की तरह हुआ था। देवेंद्र झाझरिया के माता पिता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़-लिख कर एक बड़ा आदमी बने लेकिन जब देवेंद्र झाझरिया 8 साल के थे। तब उनके साथ एक भयानक हादसा हुआ यह तब की बात है। जब वे अपने गांव में एक पेड़ पर फल तोड़ने के लिए चढ़े इसी दौरान उनका एक हाथ बिजली के तार से छू गया इसके बाद देवेंद्र झाझरिया की जान बचाने के लिए उनका एक हाथ काटना पड़ा। देवेंद्र झाझरिया ने अपाहिज होने के बाद भी हार नहीं मानी
देवेंद्र झाझरिया को बचपन से ही भाला फेंक का खेल पसंद था
उन्हें शुरूसे भाला फेंक का खेल पसंद था। लेकिन स्कूल में भाला नहीं था तो देवेंद्र झाझरिया लकड़ी का भाला बनाकर अभ्यास करने लगे। इस दौरान उन्होंने जिला स्तरीय टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया देवेंद्र झाझरिया ने 1995 में पहली बार पैरा एथलेटिक्स में हिस्सा लिया इसके बाद द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित कोच आरडी सिंह ने देवेंद्र झाझरिया को खेलते हुए देखा तो उन्हें इस खेल की बारीकियों से रूबरू कराया आरडी सिंह ने देवेंद्र का दाखिला नेहरू कॉलेज में कराया। जहां पढ़ाई के साथ-साथ देवेंद्र को भाला फैंक की प्रैक्टिस कराई गई। 2001 में देवेंद्र झाझरिया ने अजमेर यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। दोस्तों शुरुआत में देवेंद्र झाझरिया के पास अच्छा भाला भी नहीं था। इसके लिए देवेंद्र झाझरिया ने सरकार से गुहार भी लगाई। लेकिन उस समय उनकी मदद ना हो सकी इसके बाद एक खेल प्रेमी ने देवेंद्र झाझरिया को अच्छा भाला खरीदने के लिए 75 हजार रुपए दिए। इसके बाद देवेंद्र झाझरिया ने एक अच्छे भाले से प्रैक्टिस करना शुरू किया
देवेंद्र झाझरिया की उपलब्धियों
दोस्तों जानते हैं अब देवेंद्र झाझरिया की उपलब्धियों के बारे में देवेंद्र झाझरिया ने 2002 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय खेल में हिस्सा लिया। देवेंद्र झाझरिया ने सबसे पहले एशियाई गेम्स में स्वर्ण पदक जीता इसके बाद 2004 में हुए पैरालंपिक खेल में देवेंद्र झाझरिया ने 62.50 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 2013 में देवेंद्र झाझरिया ने आईपीसी एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता, 2014 में हुए एशियन पैरागेम्स में देवेंद्र झाझरिया ने गोल्ड मेडल जीता। 2015 में दोहा में हुई आईपीसी एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में देवेंद्र झाझरिया ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। 2016 में दुबई में हुए आईपीसी एथलेटिक्स एशिया ओशनिया चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। 2016 में रियो में हुए पैरालंपिक में देवेंद्र झाझरिया ने 63.97 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
देवेंद्र झाझरिया को प्राप्त पुरस्कार
चलिए जानते हैं उन्हें मिले पुरस्कार के बारे में पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद राजस्थान सरकार ने देवेंद्र झाझरिया को 75 लाख रुपए, एक घर और 25 बीघा जमीन देने की घोषणा की थी। देवेंद्र झाझरिया को 2004 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित भी किया गया था। 2014 में देवेंद्र झाझरिया को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 2014 में ही देवेंद्र झाझरिया को FICCI पेरा खिलाड़ी स्पोर्ट्समैन ऑफ द ईयर चुना गया था। राजस्थान सरकार द्वारा देवेंद्र झाझरिया को महाराणा प्रताप पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। और देवेंद्र झाझरिया अब तक चार बार ओलंपिक मेडल अपने नाम कर चुके हैं जिनमें दो गोल्ड एक रजत और एक कांस्य पदक है। तो यह थी दोस्तों देवेंद्र झाझरिया के बारे में कुछ अहम जानकारी।
Last Word:-
आपको एक बार फिर बता दें कि देवेंद्र झाझरिया एक भाला फेंक खिलाड़ी है। जिन्होंने 2016 में रियो में हुए पैरालपिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था और उससे पहले 2004 में पैरालंपिक में देवेंद्र झाझरिया गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं।